दिल्ली राज्य विधिक सेवाएँ प्राधिकरण (DSLSA), जिसे विधिक सेवाएँ प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत स्थापित किया गया है, सभी के लिए—विशेषकर समाज के हाशिये पर स्थित और कमजोर वर्गों के लिए—न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने का प्रयास करता है। यह उन व्यक्तियों को निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सेवाएँ प्रदान करता है, जिन्हें आर्थिक सीमाओं या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय प्राप्त करने में बाधाएँ आती हैं। DSLSA, जिला विधिक सेवाएँ प्राधिकरणों (DLSAs) के साथ मिलकर, अभियुक्तों तथा पीड़ितों—दोनों—के विधिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अभियुक्तों हेतु विधिक सहायता लीगल एड डिफेंस काउंसल सिस्टम तथा जिला स्तर के अधिवक्ता पैनलों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। पीड़ितों को दिल्ली पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना, 2018 के अंतर्गत वित्तीय सहायता द्वारा पुनर्वास प्रदान किया जाता है, तथा आवश्यकता होने पर निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अतिरिक्त, DSLSA लोक अदालतों एवं वाद-पूर्व मध्यस्थता का आयोजन कर त्वरित एवं सौहार्दपूर्ण विवाद निपटान को बढ़ावा देता है, जिससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या कम होती है। DSLSA अधिकारों, योजनाओं, नीतियों और पहलों से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रसार भी करता है, ताकि जन-जागरूकता में वृद्धि हो।
माननीय श्री न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय, मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय, DSLSA के संरक्षक-प्रधान हैं।
माननीय श्री न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव, न्यायाधीश, दिल्ली उच्च न्यायालय, DSLSA के कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
श्री राजीव बंसल, जिला न्यायाधीश, सदस्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं और DSLSA की कार्यक्रमों एवं पहलों के सुचारु क्रियान्वयन को सुनिश्चित करते हैं।
केंद्रीय कार्यालय: तीसरी मंज़िल, राउस एवेन्यू जिला न्यायालय परिसर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली – 110002
हेल्पलाइन: 15100 & 1516 (24*7), 9870101337
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